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सत्य की ताकत

सत्य की ताकत
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एक चोर भागा, कबीर बाबा के घर में घुसा,
बोला-मै चोर हूँ, छिपने की जगह दे दो ।
कबीर बाबा ने कहा-रूई के ढेर में छिप जाओ । चोर
छिप गया ।
सिपाही आए, बोले-कबीर, कबीर! तूने चोर
को देखा । # कबीर बाबा ने कहा - हाँ, रूई के ढेर में
छिपा है ।
चोर के प्राण सूख रहे थे । आज किस बाबा के चक्कर
में पड गया ।
सिपाही ने सोचा, मजाक कर रहा है ।
ऐसा कैसे हो सकता है
कि इसके सामने कोई रूई के ढेर में छिप जाए ।
वे चले गए । चोर निकल आया । बोला - आज
तो मरवा ही डालते आप, वे तो चले गए भला । तब #
कबीर बाबा ने कहा - अरे, क्या मैं झूठ बोलता?
क्या सत्य में इतनी ताकत नहीं, जो तुम्हें बचा सके?
सत्य क्या मिट गया है । झूठ में ताकत नहीं । सत्य
में ताकत है । मुझे विश्वास था, मेरा सत्य
तेरी रक्षा करेगा l

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