तन्खाह बढ़ा दी जाये तो यह और दिल्चसपी से काम करेगा..... और उसकी तन्खाह
बढ़ा दी.... अगली बार जब उसको तन्खाह से ज़्यादा पैसे दिये तो वह कुछ नही
बोला चुपचाप पैसे रख लिये..... कुछ महीनों बाद वह फिर ग़ैर हाज़िर हो
गया......मालिक को बहुत ग़ुस्सा आया.....सोचा इसकी तन्खाह बढ़ाने का क्या
फायदा हुआ यह नहीं सुधरेगा और उस ने बढ़ी हुई तन्खाह कम कर दी और इस बार
उसको पहले वाली ही तन्खाह दी...... वह इस बार भी चुपचाप ही रहा और ज़बान
से कुछ ना बोला.... तब मालिक को बड़ा ताज्जुब हुआ.... उसने उससे पूछा कि
जब मैने तुम्हारे ग़ैरहाज़िर होने के बाद तुम्हारी तन्खाह बढा कर दी तुम
कुछ नही बोले और आज तुम्हारी ग़ैर हाज़री पर तन्खाह कम कर के दी फिर भी
खामोश ही रहे.....!! इस की क्या वजह है..? उसने जवाब दिया.... जब मै पहले
ग़ैर हाज़िर हुआ था तो मेरे घर एक बच्चा पैदा हुआ था....!! आप ने मेरी
तन्खाह बढ़ा कर दी तो मै समझ गया.....परमात्मा ने उस बच्चे के हिस्से का
रिज़क़ भेज दिया है...... और जब दोबारा मै ग़ैरहाजिर हुआ तो जनाब मेरी
माता जी का निधन हो गया था..... जब आप ने मेरी तन्खाह कम दी तो मैने यह
मान लिया की मेरी माँ अपने हिस्से का रिज़क़ अपने साथ ले गयीं..... फिर मै
इस रिज़क़ की ख़ातिर क्यों परेशान होऊँ जिस का ज़िम्मा ख़ुद परमात्मा ने
ले रखा है......!!






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