// // Leave a Comment

काश एक ऐसी भी फेसबुक होती, जिसमे सिर्फ मै होता, तुम होती,...a facebook shayari..

काश एक ऐसी भी फेसबुक होती,
जिसमे सिर्फ मै होता, तुम होती,
मै तुम्हे 'लाईक' करता रहता,
और तुम मुझे कमेन्ट करतीं रहतीं,
न कोई टैगिंग की ज़रुरत होती,
न कोई फ्रेंड रिक्वेस्ट हीहोती,
बस मै और तुम ही छाये रहते,
कोई फालतू फ्रेंड-लिस्ट न होती,
भावनाएं हमारी खूब व्यक्त होतीं,
न मै शरमाता न तुम शरमातीं,
कोई हमें ब्लोक नहीं कर पाता,
ना ही अन्फ्रेंड की नौबत होती,
लाईक कमेन्ट की आज़ादी होती,
एक दुजे पे न कोई पाबन्दी होती,
न मै झांकता तुम्हारी लिस्ट में,
ना ही तुम्हे कोई जलन होती.
तुम मुझे निर्भय हो लाईक करतीं,
मना करने से किसीके ना रुकतीं,
ना कोई ग्रुप होता न राजनीती,
मै मेम्बर होता तुम एडमिन होतीं.

Bassar

bassar@aol.in

0 comments:

Post a Comment